| निदेशालय स्तर |
| 1 |
नोडल अधिकारी |
उप निदेशक मत्स्य(मुख्यालय) |
| 2 |
लेखा एवं ऑडिट |
वित्त एवं लेखाधिकारी(मुख्यालय) |
| 3 |
प्रथम अपीलीय अधिकारी |
संयुक्त निदेशक(प्रशा0) |
| 4 |
द्वितीय अपीलीय अधिकारी |
निदेशक मत्स्य |
| मण्डल स्तर |
| 1 |
नोडल अधिकारी |
उप निदेशक मत्स्य |
| 2 |
प्रथम अपीलीय अधिकारी |
संयुक्त निदेशक(प्रशा0) |
| 3 |
द्वितीय अपीलीय अधिकारी |
निदेशक मत्स्य |
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005
- सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी के नाम,
पदनाम, कार्यालय फोन न0, ई-मेल, तैनाती का स्थल विवरण
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4(1)बी सम्बन्धित सूचनाआयें
विवरण
प्राकृतिक रूप से खाद्य पदार्थ के रूप में उपलब्ध मछली को संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य
से भारतीय मछली एक्ट 1897, जो उत्तर प्रदेश गजट की अधिसूचना संख्या 386/1-483-बी एवं
386/1-487 बी दिनांक जनवरी, 30 को लागू किया गया। बाद में इसे एक विभाग के रूप में वर्ष
1947, में पशुपालन विभाग के साथ मान्यता प्रदान की गया। मत्स्य विभाग क्रियाकलापों में
तीव्रता प्रदान करने के उद्देश्य से निदेशक मत्स्य के नियंत्रणाधीन वर्ष 1966 में इसे एक
पृथक विभाग के रूप में शासन द्वारा मान्यता प्रदान की गई। प्रदेश में उपलब्ध जल संसाधनों का
मत्स्य विकास हेतु उपयोग करते हुए मत्स्य उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करना उत्तर प्रदेश
मत्स्य विभाग का मूलभूत उद्देश्य है। मछली, उत्तम प्रोटीनयुक्त पौष्टिक खाद्य पदार्थ है तथा
इसका पालन रोजी-रोटी का अच्छा साधन है। मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सीधी
जनपदों में मत्स्य पालक विकास अभिकरण स्थापित किये गये हैं जो नील क्रान्ति को गतिमयता दिये
जाने हेतु कृत संकल्प हैं। ग्रामीण अंचलों में स्थित तालाबों में पछली पालन को प्रोत्साहित
करने के अतिरिक्त बड़े एवं मध्यम आकार के मानव निर्मित जलाशयों एवं विभागीय प्रबन्ध
व्यवस्था अन्तर्गत प्राकृतिक झीलों में मत्स्यकी प्रबन्ध व्यवस्था, एक ही वातावरण में
साथ-साथ रहकर एक दूसरे को क्षति न पहुँचाते हुए तेजी से बढ़ने वाली पालनयोग्य मत्स्य
प्रजातियों के बीज का उत्पादन, रोगार सृजन, लोगों के लिए प्रोटीनयुक्त पौष्टिक खाद्य पदार्थ
की उपलब्धता एवं मत्स्य व्यवसाय से आदिकाल से जुड़े हुए मछुआ समुदाय के सामाजिक व आर्थिक
उत्थान में मत्स्य विभाग का उल्लेखनीय योगदान है। मत्स्य विभाग में "सूचना का अधिकार
अधिनियम" के अन्तर्गत कर्तव्यों के निर्वहन हेतु निम्नवत त्रिस्तरीय ढांचे का गठन किया गया
है
शासन स्तर पर
- प्रमुख सचिव, मत्स्य - अपीलीय अधिकारी
- विशेष सचिव, मत्स्य - जन सूचना अधिकारी
प्रदेश/निदेशालय स्तर पर
- प्रथम अपीलीय अधिकारी - संयुक्त निदेशक(प्रशा0)
- द्वितीय अपीलीय अधिकारी - निदेशक मत्स्य
मण्डल स्तर पर
- प्रथम अपीलीय अधिकारी - संयुक्त निदेशक(प्रशा0)
- द्वितीय अपीलीय अधिकारी - निदेशक मत्स्य
जनपद स्तर पर
सहायक निदेशक मत्स्य/मु०का०अधिकारी - जन सूचना अधिकारी उपरोक्तानुसार प्रत्येक अधिकारी के
द्वारा अपने स्तर पर उक्त अधिनियम के प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी। साथ ही
सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत नियमानुसार निर्णय लेते हुए अपने पर्यवेक्षण में
नागरिकों से प्राप्त होने वाले प्रार्थना-पत्रों/अपीलों का निस्तरण सुनिश्चित किया जायेगा
"सूचना के अधिकार" अधिनियम के अनुसार निर्धारित मानक व कार्यकलापों के अन्तर्गत निहित
उद्देश्यों की पूति हेतु जनपद स्तर पर सहायक निदेशक मत्स्य/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मण्डल
स्तर पर उप निदेशक मत्स्य तथा प्रदेश स्तर पर निदेशक मत्स्य, उ०प्र०/ संयुक्त निदेशक
(प्रशासन) के द्वारा समयबद्ध रूप से कार्यवाही की जायेगी तथा इसका पर्यवेक्षण व अनुश्रवण
नियमित रूप से किया जायेगा। जनपद स्तर पर सहायक निदेशक मत्स्य व मुख्य कार्यकारी अधिकारियों
के निर्णय के विरूद्ध मण्डलीय उप निदेशक मत्स्य के द्वारा अपीलों की सुनवाई की जाएगी। मण्डल
स्तर पर उपनिदेशक मत्स्य के निर्णयों के विरूद्ध निदेशक मत्स्य, उ०प्र०/जनसूचना अधिकारी,
मुख्यालय के द्वारा सुनवाई की जायेगी तथा जन सूचना अधिकारी मुख्यालय के निर्णय के विरूद्ध
शासन स्तर पर विशेष सचिव (मत्स्य), उ०प्र० शासन/राज्य सूचना अधिकारी के द्वारा अपीलों की
सुनवायी की जाएगी। तत्पश्चात उक्त अधिनियम में निहित प्राविधानानुसार जनता से प्राप्त
अपीलों का समयबद्ध रूप से निस्तारण किया जाएगा
उक्त अधिनियम के अन्तर्गत प्रतिपादित नियमों की अपेक्षानुसार विभागीय आवश्यकता के अनुरूप
नियमों-विनियमों, निर्देशों मैनुअल व अभिलेखों के सम्बन्ध में विस्तृत रूपरेखा तैयार कर
उद्देश्यों की पूर्ति तत्परता से की जायेगी
"सूचना का अधिकार" कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद, मण्डल एवं प्रदेश स्तर पर मुख्य रूप से
उपलब्ध अभिलेखों का विवरण निम्न प्रकार है
- अधिष्ठान से सम्बन्धित अभिलेख
- लेखा/आडिट से सम्बन्धित अभिलेख
- आयोजनागत/आयोजनेत्तर पक्ष में संचालित योजनायें/कार्यक्रम
- योजनावार बजट आवंटन एवं व्यय विवरण
- प्राप्त शिकायतों से सम्बन्धित जांच कार्यवाही
- योजनावार चयनित ग्रामों/विकास खण्डों/जनपदों एवं लाभार्थियों आदि से सम्बन्धित विवरण
- व्यवस्था सम्बन्धी विवरण के सम्बन्ध में अलग से बाद में कार्यवाही की जायेगी
- बोर्ड/कौंसिल/कमेटी के गठन एवं उनमें शामिल किये जाने वाले सदस्यों के सम्बन्ध में
कार्यवाही की जायेगी
- विभाग के अधिकारियों व कार्मिकों की डायरेक्ट्री
- नागरिकों के लिए आवश्यक जानकारी की प्राप्ति हेतु सुविधाओं सम्बन्धी विवरण :-
मत्स्य निदेशालय लखनऊ में पुस्तकालय है जिसमें मत्स्य पालक नागरिक आदि बैठकर मत्स्य एवं
मत्स्यकी से सम्बन्धित आवश्यक तकनीकी पुस्तकों का अध्ययन कर सकते हैं। उक्त पुस्तकालय
कार्य दिवसों में प्रात: 9.30 से सांय 6.00 बजे तक खुला रहता है। लोगों को मत्स्य पालन
विषयक आवश्यक जानकारी व प्रचार साहित्य भी उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था है
-
सूचना
का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4(1)बी सम्बन्धित सूचनाआयें