मत्स्य पालक / मछुआरा बाहुल्य ग्रामों में ऐसी अवसंरचनात्मक सुविधाओं, जिसमें सामुदायिक भवन का निर्माण भी सम्मिलित है- पंचायती राज विभाग, अनुभाग-3 उत्तर प्रदेश शासन के शासनादेश सं0 1075/33-3-2016-182/2013 दिनांक 27 मई, 2016 व 30/2020/1594/33-3- 2020-33/2020 दिनांक 29.06.2020 एवं 181-4/33-3-2020-182/2018 टी. सी. दिनांक 22.07.2020 में निर्दिष्ट प्रावधानों के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में बहुउद्देशीय पंचायत भवनों का निर्माण कराया जाता है। पंचायत विभाग द्वारा बहुउददेशीय पंचायत भवन निर्माण की भूकम्परोधी सहित लागत रु० 18.03 लाख निर्धारित करते हुए स्वीकृति प्रदान की गयी है। मत्स्य पालक कल्याण कोष के अन्तर्गत मत्स्य पालक / मछुआरा बाहुल्य ग्रामों में सार्वजनिक उपयोग हेतु अवसंरचनात्मक सुविधाओं / सामुदायिक भवनों का निर्माण कराया जायेगा।
चयन प्रक्रिया:-
अवसंरचनात्मक सुविधाओं / सामुदायिक भवनों का निर्माण कराने हेतु आवश्यकता एवं उपयोगिता का उल्लेख करते हुए ग्राम सभा द्वारा खुली बैठक में औचित्यपूर्ण प्रस्ताव पारित करने के उपरान्त प्रस्ताव आफलाइन माध्यम से खण्ड विकास अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। प्रस्ताव में उपयुक्त स्थल चयन का भी उल्लेख करते हुए संस्तुति सहित जनपदीय मत्स्य अधिकारी को उपलब्ध कराया जायेगा। चयनित स्थल का संयुक्त निरीक्षण राजस्व अभिलेखों के आधार पर सम्बन्धित लेखपाल, मत्स्य विकास अधिकारी/ मत्स्य निरीक्षक तथा खण्ड विकास अधिकारी की संयुक्त समिति द्वारा किया जायेगा। उक्त समिति द्वारा स्थल की उपयुक्ता एवं अवसंरचनात्मक सुविधाओं/सामुदायिक भवन की उपयोगिता का उल्लेख करते हुए संस्तुति सहित निरीक्षण आख्या जनपदीय मत्स्य अधिकारी को उपलब्ध कराई जाएगी। अपसरचनात्मक सुविधाओं/ सामुदायिक भवन निर्माण हेतु ग्राम एवं चयनित स्थल का अनुमोदन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जायेगा।
कार्यदायी संस्था:-
कार्यदायी संस्था का चयन मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा वित विभाग के सुसंगत शासनादेशों के अनुसार किया जायेगा।
निर्माण लागत:-
अवसंरचनात्मक सुविधाओं का निर्माण लोक निर्माण विभाग की दर अनुसूची के अनुसार किसी प्राधिकृत सरकारी अभिकरण द्वारा प्रस्तुत अनुमानित सीमा तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा वितीय अनुमोदन प्राप्त करने के पश्चात् किया जायेगा। भवन में विद्युत आपूर्ति हेतु विद्युत संयोजन/सौर ऊर्जा संयंत्र, शौचालय, पीने का पानी आदि मूलभूत आवश्यकताओं के दृष्टिगत आगणन तैयार किया जायेगा। निर्माण की इकाई लागत वास्तविक आगणन के अनुसार होगी। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर अवसंरचनात्मक सुविधाओं / सामुदायिक भवन को सम्बन्धित ग्राम पंचायत को हस्तान्तरित किया जायेगा जिसकी देख-रेख एवं अनुरक्षण ग्राम पंचायत द्वारा किया जायेगा। मत्स्य पालक / मछुआरों द्वारा सार्वजनिक कार्यक्रमों जैसे- कार्यशाला, गोष्ठी, वैवाहिक कार्यक्रम आदि हेतु प्रयोग किया जायेगा जिसे ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित किया जायेगा।