केंद्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा निर्धारित क्षेत्रफल एवं धनराशि के अनुसार एकल आवास सहित मछुआ आवास निर्माण सहायता की भी अनुज्ञा प्रदान की जाएगी:-
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 से संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत
सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार बेघर, एक या दो कमरे की कच्ची दीवार एवं कच्ची छत युक्त मकानों में निवास कर रहे व्यक्तियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। ऐसे परिवार जो प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की पात्रता से आच्छादित है परन्तु सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 के आंकड़ों पर आधारित आवासीय सुविधा हेतु तैयार की गयी पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं है, उन्हें आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु याम्य विकास अनुभाग-4 उत्तर प्रदेश शासन के शासनादेश सं [06/2018/216/38-4-18-123 (विविध)/2017 दिनांक 02.02.2018 द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) संचालित है। मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 25 वर्ग मी० क्षेत्रफल जिसमें रसोईघर के लिए भी स्थान चिन्हित होगा, के मानक के अनुसार आवास की इकाई लागत सामान्य क्षेत्रों में रु० 1.20 लाख तथा नक्सल प्रभावित जनपदों (सोनभद्र, चन्दौली एवं मिर्जापुर) में रू0 1.30 लाख निर्धारित है।
मछुआ आवास हेतु पात्रता हेतु मानक:-
मछुआ आवास का तात्पर्य केन्द्र सरकार या उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नियत क्षेत्रफल और धनराशि के अनुसार आवासहीन मत्स्य पालक / मछुआरा के लिए निर्मित किये गये आवास से है।
पात्रता हेतु शर्ते:-
- आवासहीन हो अथवा कच्चे व जर्जर मकानों में रह रहे हो।
- प्रधानमंत्री आवास योजना व मुख्यमंत्री आवास योजना अथवा अन्य किसी आवासीय योजना में लाभान्वित / चयनित न हो।
बहिर्वेशन के लिए मानदण्ड:-
- मोटरयुक्त दोपहिया / तिपहिया / चैपहिया वाहन।
- मशीनी तिपहिया/ चैपहिया कृषि उपकरण।
- रू0 50,000 अथवा इससे अधिक ऋण सीमा वाले किसान क्रेडिट कार्ड।
- वे परिवार, जिनका कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो।
- सरकार के पास पंजीकृत गैर-कृषि उद्यम वाले परिवार।
- वे परिवार, जिनका कोई सदस्य रू0 10,000 से अधिक प्रति माह कमा रहा हो।
- आयकर देने वाले परिवार।
- व्यवसाय कर देने वाले परिवार।
- वे परिवार, जिनके पास रेफ्रिजरेटर हो।
- वे परिवार, जिनके पास लैंड लाइन फोन हो।
- वे परिवार, जिनके पास 2.5 एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि से और कम से कम एक सिंचाई उपकरण हो।
- दो या इससे अधिक फसल पाने मौसम के लिए 5 एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि।
- वे परिवार, जिनके पास 7.5 एकड़ का इससे अधिक भूमि से और कम से कम एक सिंचाई का उपकरण हो।
चयन प्रक्रिया:-
- आवेदक द्वारा आवेदन जनपदीय अधिकारी के समक्ष किया जायेगा।
- प्राप्त आवेदन पत्रों के आधार पर लाभार्थियों का सत्यापन संयुक्त रूप से ग्राम पंचायत अधिकारी, मत्स्य विकास अधिकारी / मत्स्य निरीक्षक तथा खण्ड विकास अधिकारी द्वारा किया जायेगा एवं ग्राम पंचायतों द्वारा ग्राम सभा की खुली बैठक में मछुआ आवास हेतु लाभार्थियों के चयन हेतु प्रस्ताव पारित कराकर खण्ड विकास अधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित करने के उपरान्त संस्तुति सहित पात्र लाभार्थियों की सूची जनपदीय मत्स्य अधिकारी को प्रेषित किया जायेगा।
- खण्ड विकास अधिकारी पात्रता की जांच करते हुए इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे कि आवेदक प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना अथवा अन्य किसी आवासीय योजना से आच्छादित नहीं हैं, आवासहीन है तथा महुआ आवास चयन हेतु पात्र है।
- जिला स्तरीय समिति (डी०एल०सी०) द्वारा पात्र आवेदनों को डिजिटल लाटरी द्वारा रैण्डमाइज कर क्रम निर्धारित किया जायेगा।
योजना के मुख्य बिन्दु:-
यह योजना शत प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित होगी। आवास का आवंटन प्राथमिकता के आधार पर परिवार के महिला सदस्य अथवा यदि परिवार में महिला उपलब्ध न हो अथवा देहान्त हो गया हो, तो पुरुष के नाम पर भी आवास का आवंटन किया जा सकता है।
- आवास का क्षेत्रफल 25 वर्ग मी० होगा, जिसमे रसोईघर के लिए भी स्थान चिन्हित होगा।
- आवास की इकाई लागत सामान्य क्षेत्रों में रू0 1.20 लाख तथा नक्सल प्रभावित जनपदों (चन्दौली, मीरजापुर एवं सोनभद्र) में रू0 1.30 लाख होगी।
- आवास हेतु अनुदान की धनराशि सीधे लाभार्थी के खाते में 03 किश्तों में अन्तरित की जायेगी। प्रथम किश्त सामान्य क्षेत्रों में 40 हजार, द्वितीय किश्त 70 हजार तथा तृतीय किश्त 10 हजार की होगी। नक्सल प्रभावित जनपदों में प्रथम किश्त 44 हजार, द्वितीय किश्त 76 हजार तथा तृतीय 10 हजार की होगी।
- कमरों का आकार इत्यादि का निर्धारण लाभार्थियों की इच्छानुसार किया जा सकता है, परन्तु एक कमरा एवं एक किचन होना अनिवार्य है।
- प्रत्येक आवास की मुख्य दीवार पर योजना का नाम, लाभार्थी का नाम, पिता/पति का नाम एवं निर्माण वर्ष अंकित होगा।
आवास का निर्माण:-
- आवास का निर्माण लाभार्थी द्वारा स्वयं किया जायेगा। प्रथम किश्त की अवमुक्ति के पश्चात् प्लिय स्तर तक आवास का निर्माण अधिकतम एक माह में कर लिया जायेगा। प्लिंथ स्तर तक निर्मित आवास का फोटोग्राफ तथा निरीक्षण रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी। प्लिंथ स्तर के आवास के निर्माण के पश्चात् द्वितीय किश्त की धनराशि लाभार्थी के खाते में अन्तरित कर दी जायेगी।
- द्वितीय किश्त की धनराशि से लाभार्थी द्वारा आवास का निर्माण पूर्ण कर लिया जायेगा। मात्र प्लास्टर एवं पुताई का कार्य तृतीय किश्त के रूप में अवमुक्त धनराशि से किया जायेगा।
- आवास का निर्माण अधिकतम 03 माह में अवश्य कर लिया जायेगा।
- यदि लाभार्थियों को उपलब्ध करायी गयी धनराशि का दुरुपयोग यदि लाभार्थी द्वारा किया जाता है। तो लाभार्थी से धनराशि की वसूली भू-राजस्व की भांति की जाएगी।