चिकित्सा सहायता हेतु निम्न गंभीर बीमारियां अधिसूचित की गयी है
- ह्रदय की शल्यक्रिया
- गुर्दा का प्रत्यारोपण
- लिवर (यकृत) का प्रत्यारोपण
- मस्तिष्क का शल्यक्रिया
- रीढ़ की हड्डी की शल्यक्रिया
- पैर के घुटने बदलना
- कैंसर का इलाज
- एच०आई०वी० एड्स की बीमारी
- आँख की शल्यक्रिया
- पथरी की शल्यक्रिया
- एपेन्डिक्स की शल्यक्रिया
- हाइडरोसिल की शल्यक्रिया
- महिलाओं को होने वाले स्तन कैंसर की शल्यक्रिया
- सर्वाइकल (बच्चेदानी/योनी) कैंसर की शल्यक्रिया
- अन्य गंभीर बीमारी जिसमें कम से कम एक सप्ताह तक चिकित्सालय में भर्ती होकर उपचार कराया गया हो।
उक्त शासनादेशों में संशोधन होने पर परिवर्तित व्यवस्था प्रभावी होगी
पात्रता के नियम एवं शर्तें
मत्स्य पालक कल्याण कोष के अंतर्गत चिकित्सा सहायता हेतु ऐसे व्यक्ति पात्र होंगे, जो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत, श्रम विभाग द्वारा संचालित कामगार गंभीर बिमारी सहायता योजना, स्वास्थ्य विभाग अन्य किसी विभाग, विधायक निधि, सांसद निधि आदि द्वारा चिकित्सा सहायता से आच्छादित न हो
चयन प्रक्रिया
उपचार से सम्बंधित समस्त आवश्यक अभिलेख/बिल वाउचर्स की मूल प्रति एवं प्रमाणित प्रति मत्स्य विभाग के जनपदीय कार्यालय में उपलब्ध कराना होगा
प्राप्त आवेदन पत्र जनपदीय मत्स्य अधिकारी द्वारा समस्त अभिलेखों सहित सम्बंधित तहसील के उप जिलाधिकारी को अग्रसारित किया जायेगा। आवेदक पूर्व में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत, श्रम विभाग द्वारा संचालित कामगार गंभीर बिमारी सहायता योजना, स्वास्थ्य विभाग अन्य किसी विभाग, विधायक निधि, सांसद निधि आदि द्वारा चिकित्सा सहायता से आच्छादित नहीं हुआ है, इसका सत्यापन उप जिलाधिकारी द्वारा कराया जायेगा। सम्बंधित उप जिलाधिकारी द्वारा जनपदीय मत्स्य अधिकारी को सत्यापन/जांच आख्या प्रेषित की जाएगी। तीन दिन में आवेदन पर तहसील की आख्या प्राप्त करते हुए जिला स्तरीय समिति (डी०एल०सी०) के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। प्राप्त आवेदन-पत्रों का निस्तारण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अधिकतम पांच दिन में करते हुए लाभार्थी चयन किया जायेगा। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के स्तर से आवेदन पत्रों का निस्तारण अधिकतम 05 दिवस में न किये जाने की स्थिति में ऐसे प्रकरणों पर निर्णय लिए जाने हेतु निदेशक मत्स्य, उ०प्र० अधिकृत होंगे
देय हित लाभ
- सरकारी/स्वायत्तशासी चिकित्सालयों अथवा निजी चिकित्सालयों में राज्य के अन्दर उपचार कराने पर संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) लखनऊ की दर पर एवं राज्य के बाहर उपचार कराने पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) नई दिल्ली की दर से चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी
- चिकित्सा/शल्यक्रिया में चिकित्सालय द्वारा उपचार का इस्टीमेट दिये जाने पर चिकित्सालय को अग्रिम राशि का भी भुगतान किया जा सकता है
- उपचार सम्बन्धी बिल वाउचर्स का सत्यापन सम्बंधित जनपदीय मुख्या चिकित्सा अधिकारी द्वारा उक्तानुसार निर्धारित दरों पर किया जायेगा
- एक परिवार को अधिकतम पांच लाख की चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी
आवश्यक अभिलेख
- बीमारी से सम्बंधित अभिलेख
- दवाईयों के क्रय पर हुए मूल बिल वाउचर्स जो की उक्त चिकित्सक/चिकित्सालय द्वारा प्रमाणित किए गए हो
- किसी गंभीर बीमारी का उपचार करने वाले चिकित्सक/चिकित्सालय द्वारा दिया गया प्रमाण-पत्र